Add To collaction

लेखनी कहानी -03-august -2022 Barsaat (Love ♥️ and tragedy ) episode 15



उन सब ने नाश्ता कर  लिया था अब उन्हें एक गाइड  की ज़रुरत  थी  जो उन्हें घुमा सके और वो तस्वीरे खींच सके।

वो घूमते घूमते सुबोध जी की दुकान पर पहुचे  और उन्हें बताया  की उन्हें कोई एक ऐसा बंदा  चाहिए जो इन पहाड़ो में छिपी खूबसूरती को बखूबी जानता  हो और हमें वहा  ले जा सके  ताकि हम  उस खूबसूरती को अपने कैमरे में कैद कर सके। हम लोग फोटोग्राफर है  और हमें खूब सारी तस्वीरे खींचनी है  जानवरों की, पंछियो की, लोगो की और भी बहुत कुछ  ताकि हमारी तस्वीरे लोगो के दिलो में छाप छोड़  जाए और हमें पहला  इनाम मिल सके ।


सुबोध  जी ने बहुत  दिमाग़ दोड़ाया तब  ही उनके दिमाग़ में हिमानी का नाम आया  और उन्होंने उसे फ़ोन  लगाया  और कहा " हिमानी बेटा तुम अपना काम किसी और को सौंप कर मेरे पास आओ  तुम्हारे लिए एक दूसरा  काम ढूंढा है मेने तुम्हे पैसे भी अच्छे मिल जाएंगे और तुम्हे तो पैसो की ज़रूरत भी है  "


हिमानी थोड़ी देर में आती हूँ कह  कर फ़ोन रख देती है  और सुबोध जी उन लोगो को अंदर कमरे में बैठा  देते है  और चाय  बनाते है ।

हंशित  सुबोध जी की एक तस्वीर लेता है जो बेहद खूबसूरत आयी थी ।


थोड़ी देर बाद हिमानी वहा  आती और कहती " जी अंकल क्या काम है बताइये "

"आओ  बेटा बैठो, तुम्हारे लिए एक बहुत ही अच्छा काम मिला है  सिर्फ उन लोगो को तुमको वो जगह दिखानी है जहाँ से वो लोग अच्छी तस्वीरे खींच सके अपने प्रोजेक्ट के लिए उन्हें तुमसे अच्छा कोई केदारनाथ नही घुमा सकता  तुम तो यहाँ के चप्पे चप्पे को जानती हो " सुबोध जी ने कहा

"ठीक है  अंकल  कहा है वो लोग मुझे उनसे मिलना है " हिमानी ने कहा

"बैठो बेटा मैं अभी उनको बुला कर लाता हूँ वो अंदर बैठे है  " सुबोध  जी ने कहा और अंदर चले गए  उन्हें बुलाने


"आइये आप  लोग आपकी गॉइड आ गयी वो आपको सब  जगह घुमा  देगी " सुबोध जी ने कहा

"घुमा  देगी, गाइड लड़की है क्या " कुश ने पूछा 


"हाँ बेटा " सुबोध  जी ने कहा

"नाजुक पेरो से वो पहाड़  पर चढ़  भी  लेगी या हमें ही उसे उठाना  पड़ेगा  " लव ने कहा और हसने लगा 


"तुमने लड़कियों को कमज़ोर समझा  है  क्या लव " श्रुति ने कहा

"अरे नही नही श्रुति ऐसी बात नही है  वो तो बस मैं ऐसे ही बोल रहा  था  " लव ने कहा

"बेटा हम  पहाड़ी लोग है  हमारे यहाँ का हर लड़का और लड़की बचपन से ही इन टेड़े मेढे रास्तो पर चलने के आदि होते है  आप  परेशान ना हो आप  लोग थक जाएंगे लेकिन वो नही थकेगी  उन रास्तो और पहाड़ो पर चढ़ने से " सुबोध जी ने कहा


"सुन लिया तूने अब चल  चुप चान " हंशित ने कहा और वो सब  कमरे  से बाहर  निकले।

हिमानी पीठ फेरे खड़ी थी । बेटा ये लोग है  जिन्हे यहाँ की तस्वीरे निकालना है ।

जी अंकल  कहती हुयी हिमानी पीछे मुड़ी तो देखा  वो लड़का  जो सुबह मिला था  वही उसके सामने खड़ा  था ।

हंशित  ने भी जब  उसे देखा  तो चौक गया  और बोला तुम और यहाँ।


"तुम यहाँ क्या कर रहे हो, कही मेरा पीछा  तो नही कर  रहे हो " हिमानी ने पूछा


दरअसल  सुबह  हिमानी ही हंशित से टकराई थी और उनकी पहली मुलाक़ात कुछ  इस तरह हुयी थी  तकरार  के साथ ।


"मैं और तुम्हारा पीछा " हंशित ने कहा

"बेटा तुम दोनों जानते हो एक दूसरे को, बेटा तुम गलत  समझ रही हो ये कोई तुम्हारा पीछा नही कर रहा है ये तो वही लोग है जिनको घुमाने के लिए मेने तुम्हे बुलाया है "
सुबोध जी ने कहा


"अंकल आप  जानते नही हो इसे, मैं इन लोगो को घुमाने नही ले जाउंगी इसे लड़कियों से बात करने की तमीज नही है  " हिमानी ने कहा

"ओह मैडम हम लोग भी कोई आपके साथ  जाने के लिए मरे नही जा रहे है , यहाँ और भी  गाइड होंगे जो हमें पूरा  केदारनाथ घुमा  सकते है , और तुम्हे कोनसा किसी से बात करने की तमीज  है  नकचढ़ी कही की " हंशित ने कहा

"ओह भाई  यहाँ क्या हो रहा है  कोई हमें भी बताएगा  " जॉन ने पूछा 

"तुम लोगो को देखना था  ना पूछ  रहे थे  वो लड़की कैसी दिखती थी  लो देख  लो यही है  वो सुबह वाली जिसकी वजह  से मैं उस नायाब चिड़िया की तस्वीर ना  ले सका  "हंशित  ने कहा

"क्या लड़की है  यार एक दम  तीखी मिर्च जैसी " लव ने कहा


"देखा  आपने जैसा खुद  वैसे उसके दोस्त किस तरह की बाते कर रहे है  " हिमानी ने सुबोध जी से कहा

"ओह मैडम  मेरे दोस्तों के बारे में कुछ  ना कहना , चलो दोस्तों बेवजह समय बर्बाद हुआ इन मोहतरमा  के चक्कर में कोई और गाइड ढूंढ लेंगे " हंशित  ने कहा और आगे  बढ़ने  लगा 


"अरे अरे बेटा रुको तो सही , इतनी जल्दी किया है  जाओ अंदर  जाकर बैठो मैं अभी  आता  हूँ " सुबोध  जी ने कहा और उन्हें अपने साथ  कमरे में बैठा कर  आ गए 


"हिमानी बेटा मैं नही जनता  की तुम्हारी इन शहरी लड़को के साथ  पहली मुलाक़ात कैसी रही  लेकिन हिमानी बेटा ये कारोबार है , ये लड़के अच्छा पैसा दे रहे है दोनों का मुनाफा होगा और तुम तो जानती हो तुम्हे पैसे की कितनी ज़रुरत है, बस  कुछ  दिन की बात है कुछ जगहों पर जाना है  ये लोग तस्वीर लेंगे उसके बाद चले जाएंगे, तुम इन लोगो को सारी जगह अच्छे से घुमा सकती हो इसलिए मेने तुम्हे फ़ोन किया बाकी तुम्हारी मर्ज़ी चाहो तो ले जाओ इन्हे नही तो जा सकती हो " सुबोध जी ने कहा


हिमानी थोड़ी असमंजस  में थी उसने सुबोध जी से मना करना चाहा  लेकिन पैसो की ज़रुरत थी इसलिए उसने हाँ कह दी। लेकिन मेरी एक शर्त है  वो लड़का मुझसे ज्यादा उलझें गा नही उसे समझा  देना वरना  किसी पहाड़ी से धक्का दे दूँगी और फिर आप  ज़िम्मेदार होंगे।


ठीक  है  ठीक , अभी जाकर उन्हें समझा  दूंगा  ये कह  कर सुबोध जी कमरे  में बैठे  हंशित  और उसके दोस्तों के पास गए  और बोले " बेटा जी आप  दोनों के बीच  में क्या नोक झोक है  मैं नही जनता लेकिन आपको इस पूरे केदारनाथ में हिमानी से अच्छी गाइड नही मिलेगी उसे हर एक जगह मालूम है  जहाँ जाकर आप  तस्वीर ले सकते है । बाकी आपकी मर्ज़ी कोई ज़बरदस्ती नही है  चाहे  तो जा सकते है नही तो हिमानी बाहर  खड़ी है  उसके साथ  जाकर अपना सफऱ शुरू कर सकते है  "


"यार हंशित  अब गुस्सा थूक भी दे इतनी प्यारी लड़की से कौन गुस्सा हो सकता है  " कुश ने कहा


हंशित ने उसकी तरफ गुस्से से देखा 

"हाँ यार हंशित  अब छोड़  जाने भी  दे, वैसे ही आज इतनी देर हो गयी  है  अब हम  लोग कहा कोई दूसरा गाइड ढूँढ़ते  फिरेंगे अब गुस्सा थूक दे यार और चल चल कर इन वादियों का आनंद लेते है  " श्रुति ने कहा

सबके इतना कहने पर हंशित  मान गया लेकिन वो बोला सुबोध जी से कि उस नकचढ़ी से कहना मुझसे ज्यादा नही उलझें वरना किसी पहाड़ कि चोटी से धक्का दे दूंगा और ज़िम्मेदार आप होंगे।

ठीक  है  ठीक है  अब आप लोग जाए बाहर  वो इंतज़ार कर रही है । सुबोध  जी ने कहा


इस तरह उन दोनों का सफऱ शुरू हुआ नाराज़गी और तकरार के साथ 


आखिर किस तरह ये तकरार  प्यार में बदलेंगी जानने के लिए पढ़ते रहिये 

धन्यवाद 

   21
6 Comments

shweta soni

04-Aug-2022 11:52 AM

Nice 👍

Reply

Khushbu

04-Aug-2022 08:57 AM

शानदार

Reply

Ayshu

04-Aug-2022 06:15 AM

Nice

Reply